; सोनभद्र में बलात्कार पीड़िता को नहीं मिला न्याय, पीड़िता ने मौत को गले लगा लिया
सोनभद्र में बलात्कार पीड़िता को नहीं मिला न्याय, पीड़िता ने मौत को गले लगा लिया

सोनभद्र।न्याय ना मिलने और गांव की पंचायत में मामले को रफादफा होने से मायूस नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता ने आत्महत्या कर 28 जून को अपनी इह लीला समाप्त कर लिया था जिसके बाद पुलिस की कुम्भकर्णी नीद खुली और दुष्कर्म के आरोपी नीरज गिरी पुत्र संतधारी गिरी निवासी परसिया थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र को बेल्खुरी तिराहे से गिरफ्तार कर लिया।पकड़े गए अभियुक्त के ऊपर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 56/2018 धारा 376, 452 ,306 भादवि व 3/4 पॉक्सो एक्ट में दर्ज है।

परिजनों समेत ग्रामीणों ने पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर समय रहते पुलिस कार्यवाही कर देती तो आज मासूम की जान बचाई जा सकती थी।

बताते चले कि सोंनभद्र के पन्नूगंज थाना इलाके के परसिया गांव में एक दुष्कर्म पीड़िता लड़की के पिता छोटन गिरी पुत्र दयागिरी ने 26 जून को पन्नूगंज थाना में तहरीर दिया था कि उनकी बेटी के साथ गांव का एक दबंग युवक नीरज गिरी पुत्र संतलाल गिरी निवासी परसिया, पन्नूगंज ने घर मे  घुसकर जबरजस्ती उसकी बेटी के साथ छेड़खानी किया इनता ही नही वह इसके पूर्व भी एक बार ऐसा कार्य कर चुका था जिसको पंचायत में मामले को दबा दिया गया था ।

शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही ना होने व गांवो वालो द्वारा एक बार फिर पंचायत कर मामले को दबाने के बाद पीड़िता ने अपनी इह लीला समाप्त करने की सोच लिया और विषाक्त पदार्थ खा लिया ।जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी।जब परिजनों को इस बात की जानकारी हुई तो तत्काल ऐम्बुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल से वाराणसी रेफर कर दिया गया।परिजनों ने रेफर के बाद स्थानीय प्राइवेट हॉस्पिटल में पीड़िता को भर्ती कराया जहां 28 जून को सुबह पीड़िता की मौत हो गयी।

वही दुष्कर्म पीड़ित के पिता ने आगे बताया कि पूरा परिवार के साथ 23 जून को एक शादी समारोह में गया था घर मे केवल दो लड़कियां थी ।जिसका फायदा उठाकर गांव के ही युवक नीरज गिरी ने जबरजस्ती घर में घुस कर बड़ी बेटी के साथ गलत काम किया, इसके पहले भी वह गलत काम एक बार कर चुका था जिसको लेकर गांव में पंचायत हुई और लोकलाज के भय से थाने पर शिकायत नहीं किया गया ।लेकिन इस बार दुबारा ऐसा करने पर पन्नूगंज थाने में तहरीर लिखवाया गया था।

लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना होने पर और पुनः एक बार गांव वालों द्वारा पंचायत की बात सुनकर लड़की ने विषाक्त पदार्थ खा लिया जिससे उसकी मौत हो गयी।आरोपी लड़का सरहंग टाइप का है उसने धमकी दिया था कि थाने में तहरीर देने वाले को जान से मार देगा।तीन चार दिन बाद भी पुलिस ने दबंग लड़के के खिलाफ कार्यवाही नहीं किया जिसके कारण मेरी लड़की की मौत हो गयी।जबकि पन्नूगंज थाना पुलिस का कहना था कि परिजनों द्वारा कोई तहरीर नहीं दिया गया है आज लड़की के साथ छेड़खानी की जानकारी हुई है जिसको लेकर गांव वाले पंचायत किये थे उसके बाद लड़की ने जहर खा लिया था।अगर लिखित तहरीर मिलेगी तो कार्यवाही होगी।

बहरहाल योगी राज में जहाँ बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देते सरकार थकती नहीं और कानून व्यवस्था सुदृढ़ और चाक चौबंद होने के दावे करती है वहां एक बलात्कार के आरोपी के खिलाफ अगर पुलिस समय से कार्यवाही करती या कार्यवाही का आश्वाशन ही गांव में जाकर दे देती तो आज एक बेटी की जान बचाई जा सकती थी।मासूम की मौत के बाद कार्यवाही करना तो सिर्फ अपनी नौकरी बचाने के लिए एक फॉर्मलटी बस है और कुछ नहीं।

 

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