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ऑस्टियोपोरोसिस जाँच की नई तकनीक विकसित की सी.एम.एस. छात्र अर्नव कुमार ने

लखनऊ, 8 अगस्त। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के कक्षा 11 के छात्र अर्नव कुमार ने ऑस्टियो-नेट नामक तकनीक विकसित कर चिकित्सा के क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। अर्नव के इस शोध से ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी की जाँच अब समाज के सभी अमीर-गरीब लोगों के लिए अत्यन्त सरल व सुगम हो जायेगी। अभी तक ऑस्टियोपोरोसिस जाँच की सुविधा कुछ चुनिन्दा अस्पतालों में ही उपलब्ध थी, जो कि काफी खर्चीली थी और जाँच उपलब्ध होने में काफी समय लगता था, परन्तु अब अर्नव के शोध की बदौलत गरीब-अमीर सभी जरूरतमंद को कम खर्च व कम समय में आस्टियोपोरोसिस बीमारी की जाँच के सार्थक परिणाम मिलेंगे। अर्नव के शोध पत्र को इन्स्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिक एण्ड इलेक्ट्रानिक इंजीनियर्स (आई.ई.ई.ई.) के ‘45वें इण्टरनेशनल कान्फ्रेन्स ऑन टेलीकम्युनिकेशन्स एण्ड सिग्नल प्रोसेसिंग’ में स्वीकृति एवं मान्यता प्रदान की गई है। सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. के मेधावी छात्र के ज्ञान व सेवा भावना की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती आभा अनन्त ने भी अर्नव की सफलता हेतु बधाई दी है।

एक अनौपचारिक वार्ता में अर्नव ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, सी.एम.एस. के अपने शिक्षकों व विद्यालय के शान्तिपूर्ण वातावरण का दिया है। अर्नव ने बताया कि उनका शोध ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स (ए.आई.) मॉडल पर आधारित है जो कि आस्टियोपोरोसिस की जांच करने पर एक्स-रे की भांति फोटो निकालेगा, जिससे इस बीमारी की अविलम्ब पहचान होगी।  इस अवसर पर अर्नव के पिता व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री आलोक कुमार ने बताया कि अर्नव के शोध का क्रियान्वयन सर्वप्रथम ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल यूनिट के साथ किया जायेगा, क्योंकि विकसित तकनीक की आवश्यकता सर्वाधिक ग्रामीण क्षेत्रों में ही है। अर्नव की माताजी श्रीमती प्रीति कुमार ने बताया कि अर्नव को गिटार बजाने एवं फुटबाल में भी गहरी रूचि हैं।

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