; नई शराब की नीति के खिलाफ विरोध में 3 जनवरी को बीजेपी पूरी दिल्ली के अंदर करेगी चक्का जाम - Namami Bharat
नई शराब की नीति के खिलाफ विरोध में  3 जनवरी को  बीजेपी पूरी दिल्ली के अंदर  करेगी चक्का जाम

*अगर नई आबकारी नीति वापस नहीं ली गई तो 3 जनवरी को पूरी दिल्ली में करेंगे चक्का जाम-आदेश गुप्ता

*70 प्रतिशत खोली गई नई शराब की दुकानें गैरकानूनी-रामवीर सिंह बिधूड़ी

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति के विरोध में हम सिर्फ विरोध प्रदर्शन ही नहीं बल्कि एक नए जन आंदोलन करने वाले हैं। अगर केजरीवाल सरकार इस के बाद भी नई आबकारी नीति को वापस नहीं लेती है तो प्रदेश भाजपा पूरी दिल्ली में 3 जनवरी को चक्का जाम करेगी।

आदेश गुप्ता जी ने कहा कि 

हम सभी 17 दिसम्बर को सभी धर्म गुरु, साधू-संत महात्माओं के साथ मिलकर राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधी स्थल पर जाकर केजरीवाल को सदबुद्धि देने के लिए प्रार्थना करेंगे। इसके साथ ही 21 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक बूथ स्तर भाजपा कार्यकर्ता हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और लगभग 15 लाख हस्ताक्षर को महामहीम राष्ट्रपति को सौंपेंगे और नई आबकारी नीति को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की आग्रह करेंगे। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश महामंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजन तिवारी एवं प्रदेश मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल उपस्थित थे।

पिछले चार महीनों से अधिक समय से भाजपा केजरीवाल की नई आबकारी नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है जिसकी शुरुआत जंतर-मंतर से हुई थी। भाजपा के साथ आरडब्ल्यूए और महिला एवं समाजिक संगठनों के कार्यकर्ता कई दिनों से सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं और कई दुकानों को जनता के सहयोग से बंद करने में भी हमने सफलता पाई है, लेकिन अभी भी कई दुकानें खोली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी ही बातों पर अमल नहीं करते हैं। कोई भी आवासीय क्षेत्रों में

शराब की दुकानें न खोलने की बात करने वाले केजरीवाल ने खुद 850 नए शराब की दुकान खोले जाने पर हस्ताक्षर किए। आज 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग इस नई आबकारी नीति के खिलाफ है और भाजपा एक भी शराब की दुकान किसी भी आवासीय इलाके में नहीं खोलने देगी। भाजपा कार्यकर्ता हर नई शराब की दुकान के बाहर स्टेज लगाकर महिला संगठन एवं आरडब्ल्यूए के साथ धरना देंगे ताकि उन दुकानों को किसी भी कीमत पर न खोलने दिया जाए।

स्वराज नामक पुस्तक जो खुद केजरीवाल ने लिखी है और उसे अपने आंदोलन का घोषणा पत्र बताते हुए कहते थे कि यह किताब व्यवस्था परिवर्तन और भ्रष्टाचार के खिलाफ है। इस किताब में खुद केजरीवाल लिखते हैं कि शराब के ठेके को खोलने के लिए वहां की जनता से बिना पूछे नेता और ऑफिसर या तो रिश्वत लेकर या दवाब में आकर दुकान खोलने की मंजूरी दे देते। इसलिए आज केजरीवाल को बताना चाहिए कि वह किसके दवाब में या कितनी रिश्वत लेकर शराब के ठेके खोलने की मंजूरी दे रहे हैं। आज केजरीवाल सबकुछ भूल कर भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 70 प्रतिशत खोले गए नए शराब के ठेकों में मास्टर प्लान का उलंघन एवं उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की गई है। बार रेस्टोरेंट और क्लब को भी मिला दिया जाए तो सिर्फ शराब के ठेकों की संख्या 850 न होकर यह संख्या 5000 के पार होगी। हर गली-गली में शराब के ठेके दिखाई देंगे। दिल्ली के अंदर जितनी भी शराब की दुकान खोली गई है, उनमें से एक भी दुकान के लिए मोहल्ला सभा या आरडब्ल्यूए से अनुमति नहीं ली गई है।

श्री बिधूड़ी ने कहा कि पहले जो 250 प्राइवेट शराब के ठेकेदार थे उन्हें दो प्रतिशत कमीशन मिलता था जबकि 15 हज़ार करोड़ से 20 हज़ार करोड़ रुपये तक प्रतिवर्ष शराब की ब्रिकी होती है लेकिन अब केजरीवाल सरकार ने कमीशन दो प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है और साथ ही शराब की बोतल की कीमत भी सरकार की जगह ठेकेदार तय करेंगे और समय सीमा 10 बजे रात से बढ़ाकर 3 बजे तक कर दिया गया है। इसलिए केजरीवाल सरकार ने कमीशन बढ़ाकर जो भ्रष्टाचार किया है उसके लिए उन्हें जवाब देना चाहिए।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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