खेलों के महाकुंभ में इतिहास बनाकर भारत तीसरे स्थान पर
- Written by Namamibharat Reporter
- Published in दिल्ली एनसीआर
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रवि उपाध्याय/आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 21 वें कॉमनवेल्थ खेलों का समापन हो गया है। खेल भावना और सौहार्द के साथ 4 अप्रैल को 15 अप्रैल तक खेले गये इन खेलों में 71 देशों और टैरेटरीज के 6600 से अधिक खिलाडियों ने भाग लिया।
समापन समारोह काफी शानदार रहा।राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की अध्यक्ष लुई मार्टिन ने इस मौके पर कहा कि खिलाडियों की क्षमता का कोई सानी नहीं थ।विश्व रिकॉर्डधारियों ने चुनौती पेश की, महान और युवा खिलाडियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
उन्होंने 21वे राष्ट्रमंडल खेलों के सर्वश्रेष्ट खिलाडी का पुरूस्कार न्यूजीलैण्ड के भारोत्तोलक डेविड लिती को दिया।डेविड लिती ने पुरूषों के 105 से अधिक किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
आपको बता दे कि भारत ने कॉमनवेल्थ खेलों को अपना तीसरा सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन करते हुए 26 गोल्ड मेडल सहित 66 मेडल्स जीते है।पदक तालिका में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड के बाद तीसरे पायदान पर रहा।
भारत को दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में 101 पदक जबकि 2002 के मैनचेस्टर खेलों में 69 पदक हासिल हुए थे।
यहां भारत ने 15 खेलों में हिस्सा लिया था।जिसमें 9 खेलों में उसे पदक हासिल हुआ था।भारत ने इस बार शूटिंग में 7 गोल्ड मेडल सहित 16 मेडल, वेट लिफ्टिंग में 5 गोल्ड समेत 9 मेडल, रेसलिंग में 5 गोल्ड, सहित कुल 12 मेडल, बॉक्सिंग में 3 गोल्ड समेत 9 मेडल, बैडमिंटन में 6 मेडल और एथलेटिक्स में 3 मेडल हासिल किए।
जबकि टेबल टेनिस में भारतीय महिला और पुरूष टीम ने गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया। इसके अलावा महिला एकल में मणिका बत्रा को गेल्ड मेडल और पुरूष एकल में सिल्वर मेडल मिला।
इस कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रर्दशन कर 28 मेडल जीते, जिसमें 12 गोल्ड, 10 सिल्वर और 6 ब्रॉज मेडल है।
इससे यह बात साफ है कि यदि सरकार जमीनी स्तर से खेल प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें प्रोत्साहित करें तो 2020 में टोक्यो में होने वाले खेलों के महाकुंभ यानि ओलंपिक खेलों में भी बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते है।